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पेंटूम डिटेक्ट – यूनिवर्सल कैंसर टेस्ट
एक नई और विस्मयकारी जांच की विधि
पेंटूम डिटेक्ट जांच के सूचक तत्व करीबन 40 प्रकार के कैंसर का आसानी से पता लगा सकते हैं
पेंटूम डिटेक्ट- एक चमत्कारी जांच
सिर्फ एक खून की जांच द्वारा पेंटूम डिटेक्ट टेस्ट शरीर के किसी भी भाग में उत्पन्न हो रहे ट्यूमर का पता लगाने में सक्षम है जो अब तक किसी भी प्रकार से संभव नहीं था |
पेंटूम डिटेक्ट के साथ स्क्रीनिंग – तेज, आरामदायक, निर्भय और कम खर्चीली है |
पेंटूम डिटेक्ट सालाना जांच की अद्भुत विधि है जिससे कैंसर की पूर्वावस्था का अनुमान लगाया जा सकता है और कैंसर को एक घातक स्थिति बदलने से पहले रोकथाम किया जा सकता है|
पेंटूम डिटेक्ट एक नई और विस्मयकारी जांच की विधि है|
कैंसर की पूर्वावस्था की जानकारी कैंसर के रोकथाम में पूर्णत: सिद्ध होती है
- नियमित जांच द्वारा कैंसर का उन्मूलन पूर्णतः संभव है
- अपरिवर्तनीय कैंसर की अवस्था का उपचार बहुत मुश्किल होता है
- सालाना पेंटूम डिटेक्ट स्क्रीनिंग द्वारा बढ़ते हुए कैंसर को पहचानने में मदद मिलती है
- शरीर के किसी एक भाग में विकसित हो रहे ट्यूमर को सर्जिकल विधि द्वारा निकालना आसान होता है और इस तरह कैंसर को शरीर के अन्य भागों में फैलने से बचाव होता है
- पेंटूम डिटेक्ट टेस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह है की यह जांच कैंसर की पूर्वावस्था को जान लेता है जब इस जांच के नतीजे पहली बार सकारात्मक पाए जातें हैं
कैंसर की पूर्वावस्था की जानकारी कैंसर के रोकथाम में पूर्णत: सिद्ध होती है
सालाना पेंटूम डिटेक्ट स्क्रीनिंग द्वारा बढ़ते हुए कैंसर को पहचानने में मदद
मिलती है कैंसर स्क्रीनिंग की आसान विधी निश्चितता के साथ
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एक वर्ष में एक रक्त का नमूना
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पेंटूम डिटेक्ट टेस्ट अन्य स्क्रीनिंग की विधियो के साथ
कैंसर का पता लगना,
कैंसर के पनपने से पहले
कैंसर की पूर्वावस्था का पता लगाने के लिए पेंटूम डिटेक्ट टेस्ट सालाना जांच द्वारा एक स्वर्णिम अवसर प्रदान करता है, |
सालाना जाँच द्वारा किसी भी तरह के ट्यूमर का निदान करना आसान हो जाता है जब हमें पहली बार सकारात्मक पेंटूम जांच के नतीजे पता चलते हैं|
इस तरह पेंटूम जांच के सकारात्मक नतीजे कैंसर की पूर्वावस्था का अनुमान लगाने में समर्थ होते हैं तथा उपचार के लिए कैंसर की प्रारंभिक अवस्था कैंसर की पूर्ण रोकथाम के लिए अति सहायक सिद्ध होती है
कैंसर की परिवर्तनीय पूर्वावस्था की प्रक्रिया जो आगे चलकर अपरिवर्तनीय और शरीर के अन्य अंगों तक फैलने का रूप ले सकती है, बहुत घातक सिद्ध होती है
वर्ष में एक बार पेंटूम डिटेक्ट की जांच कैंसर के घातक रूप का पता लगाने में समर्थ सिद्ध होती है
सिर्फ एक मामूली सी सालाना खून की जांच द्वारा, आपसे यह अनुरोध है कि इस अवसर का भरपूर लाभ उठायें|


कैंसर एक इतनी भयंकर समस्या नहीं है, अगर हम उसे पनपने के लिय अधिक समय ना दें ।

पेंटूम डिटेक्ट कैंसर की अन्यविधियों का पूरकहै,जो कैंसर स्क्रीनिंग कोआसान,अधिक आरामदायक औरनिश्चितबनाता है
पेंटूम डिटेक्ट टेस्ट के स्पष्ट नतीजे:
पेंटूम डिटेक्ट टेस्ट की संवेदनशीलता (sensitivity) 97.5% तक पाई गई है और तकरीबन 99.53% स्वस्थ लोगों में इसकी पहचान (specificity) नकारात्मक आती है| यह नतीजे एक शोध से सामने आए हैं जिसमें 654 रक्त के नमूने जांचे गए जिसमें से 80नमूने इन्फ्लेमेटरी कारणों से ग्रसित थे और 277 खून के नमूने कैंसर के मरीजों से प्राप्त हुए| इसी तरीके के नतीजे भी पाए गए हैं जिन लोगों में अलग-अलग प्रकार के कैंसर से थे|
97.5 % संवेदनशीलता (sensitivity)
हर 100 मरीजों में से 97 मरीज पेंटूम डिटेक्ट टेस्ट से सही पाए गए हैं| इसका सीधा मतलब यह है कि 100 मरीजों में से 97 मरीजों की सही पहचान पेंटूम डिटेक्ट टेस्ट कर सकता है|इस तरह से सालाना स्क्रीनिंग करने से उन 3% लोगों में टेस्ट की संवेदनशीलता बढ़ जाती है जिनमे पिछली बार नकारात्मक नतीजे पाए गए थे
99.53 % सकारात्मक योग्यता
गुणवत्ता के आंकड़ों से यह साबित होता है कि हर 200मरीजों में से 0.5%लोगों में नतीजे झूठे सकारात्मक (फॉल्स पॉजिटिव) आ सकते हैं
पेंटूम टेस्ट क्यों किया जाता हैं?
शरीर की कोशींकाओ का असामान्य विकास धीरे-धीरे ट्यूमर मैं तबदील होता है जिसे लगभग 1 से 10 वर्ष लग सकते हैं। आमतौर पर कैंसर स्क्रीनिंग परीक्षण के और साधन, कैंसर की पुर्वावस्था की संपूर्ण जानकारी प्रदान नहीं कर पाते हैं, जिसके रहते सही चिकित्सकिय निष्कर्ष मुशकील होते हैं।
कैंसर का निदान आम लोगो मैं एक तरह का भय ओर चिन्ता का विषय होता है तथा स्क्रीनिंग के लिये वे मानसिक रुप से तैयार नहीं हो पाते हैं।
परिणाम स्वरूप जिन लोगों में छोटे छोटे ट्यूमर होने का अंदेशा होता है वह लोग कैंसर की पूर्वावस्था का अनुमान नहीं लगा पाते हैं और जब तक कैंसर भयंकर रूप में तब्दील नहीं होता तबतक वह चिकित्सकीय सहायता से वंचित रह जाते हैं
अतः पेंटूम डिटेक्ट कैंसर स्क्रीनिंग के लिए एक अति संवेदनशील टेस्ट है जोकि समय समय पर हमें शरीर में बढ़ने वाली असामान्य कोशिकाओं का ज्ञान देता है और उसके उन्मूलन का सही निर्णय लेने में सहायक सिद्ध होता है|
यही कारण है के पेंटूम डिटेक्ट इस लक्ष्य को पूरी तरह से सिद्ध करता है
कैंसर स्क्रीनिंग की सीमाएँ और फायदे
प्रतिबंधीत सीमाएँ:
- आमतौर पर कोई भी कैंसर की प्रचलित जाँच की विधि (स्क्रीनिंग टेस्ट) पूर्णतः सही और विश्वसनीय नहींहै |
- किसी भी कैंसर की प्रचलित जाँच का नकारात्मक नतीजा यह विश्वास नहीं दे सकता कि आपको कैंसर का खतरा नहीं है |
- झूठे सकारात्मक (false positive) नतीजे रोगी और उसके परिजनों को मानसिक रूप से त्रस्त कर सकते हैं जबकि उनमें कैंसर की संभावना बहुत कम हो सकती है |
अनुवांछीत फायदे
- कैंसर स्क्रीनिंग के सकारात्मक नतीजे कैंसर का अनुमान लगाने में प्रभावशाली होते हैं जिससे कैंसर का सही उपचार संभव हो सकता है |
- समय-समय पर कैंसर की स्क्रीनिंग कराते रहने से कैंसर की पूर्व अवस्था का निदान अच्छा होता है |
- समय-समय पर कैंसर का निदान कम खर्चीला होता है जिसके रहते हम कैंसर की भयंकर अवस्था में फैलने से पहले पता लगा सकते हैं |
क्या पेंटूम डिटेक्ट कैंसर की रोकथाम के लिए इष्टतम संरक्षण प्रदान करता है?
असाधारण रूप से बढ़ती हुई शरीर की कोशिकाओं को आमतौर पर ट्यूमर या कैंसर माना जाता है। जब यह कोशिकाएं आक्रामक रूप से बढ़ने लगती हैं तब शरीर के अन्य भागो मैं फैलना शुरू हो जाती हैं जिसे कैंसर की मेटास्टेसिस की अवस्था कहते है ।
समय पर निदान करने से कैंसर की प्रारंभिक अवस्था और कैंसर का उन्मुलन चिकित्सकीय रूप से अति सह्ज्य, सामान्य और बहुत ही कम खर्चिला होता है। उदाहरणत: बड़ी आंत और गूदे के (कोलोरेक्टल) कैंसर स्क्रीनिंग से मालुमात किये गए पॉलीप्स के आधार पर कैंसर की पुर्वावस्था का अनुमान लगाया जा सकता है, जो की आगे चलकर इस कैंसर से मनुष्य को बचाता है।
- पेंटूम डिटेक्ट केवल एक साधारण रक्त परीक्षण है
- इस परीक्षण से कोई शारीरिक तकलीफ या तनाव नहीं होता है
- यह परीक्षण कैंसर की रोकथाम के लिय अधिक सक्रिय है तथा अधिक निश्चितता प्रदान करता है।